नेपाल में हो रहे प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री केपी ओली का बयान सामने आया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने से इंकार कर दिया है. कैबिनेट बैठक में उन्होंने सरकार के फैसले को सही ठहराया. उन्होंने इस प्रदर्शन को हिंसक बताते हुए इसकी जांच के लिए कमिटी बनाए जाने की बात कही.
संसद में घुसे प्रदर्शनकारी
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार (8 सितंबर 2025) को सुबह से हो रहा प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया. प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए गोलीबारी की.
उपद्रवी Gen-Z के आगे नहीं झुकेगी सरकार- केपी ओली
कैबिनेट मीटिंग में ओली सरकार में शामिल नेपाली कांग्रेस के मंत्रियों ने सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटाने की मांग की. जिस पर केपी ओली ने कहा कि सरकार उपद्रवी Gen-Z के आगे नहीं झुकेगी. पीएम की इस बात से कांग्रस के मंत्री नाराज हो गए और बैठक से वॉकआउट कर दिया. केपी ओली ने कहा कि सोशल मीडिया पर से बैन नहीं हटाया जाएगा.
नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार के प्रतिबंध को लेकर काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सोमवार (8 सितंबर 2025) को इस्तीफा दे दिया. नेपाली कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले गृह मंत्री लेखक ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया.
फिलहाल काठमांडू में हालात सामान्य
काठमांडू में स्थिति फिलहाल काफी हद तक सामान्य हो गई है. ज्यादातर प्रदर्शनकारी अपने घरों को लौट गए हैं. हालांकि सुरक्षा अधिकारी सतर्क हैं क्योंकि ऐसी आशंका है कि मंगलवार (9 सितंबर 2025) को प्रदर्शन फिर से शुरू हो सकता है. सेना और सुरक्षा बल प्रमुख इलाकों में तैनात हैं.
नेपाल में उग्र प्रदर्शनकारियों की वजह से हालात बिगड़ने के बाद सेना को राजधानी काठमांडू में तैनात किया गया. सेना के जवानों ने नए बानेश्वोर में संसद परिसर के आसपास के रास्तों पर नियंत्रण कर लिया. काठमांडू में Gen-Z बैनर के तले स्कूली छात्रों समेत हजारों युवा संसद भवन के सामने इकट्ठा हुए और प्रतिबंध को तुरंत हटाने की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए.
काठमांडू समेत कई इलाकों में लगा कर्फ्यू
हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने राजधानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया. काठमांडू के अलावा, ललितपुर जिले, पोखरा, बुटवल और सुनसरी जिले के इटाहरी में भी कर्फ्यू लगा दिया गया. प्रतिबंधित क्षेत्र में लोगों के आवागमन, प्रदर्शन, बैठक, सभा या धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी.
नेपाल सरकार ने अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं करने पर चार सितंबर को फेसबुक, व्हाट्सऐप और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार ने अपना रुख स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध उन्हें रेगुलेट करने के लिए लगाया गया है, लेकिन आम जनता में धारणा यह है कि इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला होगा और सेंसरशिप की नौबत आ सकती है.
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