अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने यूरोपीय संघ से आह्वान किया है कि वे अमेरिका के साथ मिलकर रूस पर दबाव बढ़ाएं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उन देशों पर नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं जो रूसी कच्चा तेल खरीद रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पहले ही भारत पर रूस से तेल आयात करने को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा चुका है. इस कारण भारत पर कुल टैरिफ दर अब 50% हो गई है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी देश पर लगाए गए सबसे कड़े शुल्कों में से एक है. यह कदम विशेष रूप से उस समय उठाया गया है जब भारत युद्धकाल में भी रूस से तेल खरीद रहा है, जिससे अमेरिका का आरोप है कि भारत अप्रत्यक्ष रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है.
यूरोपीय सहयोग से बढ़ेंगे रूस पर प्रतिबंध
NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, स्कॉट बेसेंट ने रविवार (07 सितंबर, 2025) को कहा कि अमेरिका यूरोपीय देशों के साथ मिलकर रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है. उनका कहना था कि इसका उद्देश्य रूसी अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना है. बेसेंट ने NBC न्यूज से बातचीत में कहा, “हम रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपने यूरोपीय सहयोगियों का साथ चाहिए.”
आर्थिक और सैन्य दबाव की रेस
बेसेंट ने कहा, “अब यह एक रेस बन गई है कि यूक्रेनी सेना कितनी देर तक टिक सकती है, बनिस्बत रूसी अर्थव्यवस्था के कितनी देर तक टिकने की.” उन्होंने आगे कहा, “अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ मिलकर रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाते हैं, साथ ही उन देशों पर द्वितीयक टैरिफ भी लगाए जाते हैं जो रूसी तेल खरीद रहे हैं, तो रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से धराशायी हो जाएगी. इससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को समाधान की मेज पर आना पड़ेगा.”
सबसे व्यापक हवाई हमले के बाद बयान
बेसेंट ने यह बयान उस समय दिए जब रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद अब तक का सबसे व्यापक हवाई हमला अंजाम दिया था. इसके कुछ समय बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस के राष्ट्रपति पुतिन से अलास्का में बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोपीय अधिकारियों को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया ताकि युद्ध खत्म करने के लिए संभावित समाधान पर बातचीत की जा सके. हालांकि, इसके बाद युद्ध को रोकने या समाप्त करने के प्रयास फिलहाल ठप्प पड़ चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट में टैरिफ संबंधी मामला
बेसेंट ने ट्रंप प्रशासन की सुप्रीम कोर्ट में उस सर्किट कोर्ट के फैसले को पलटने की याचिका का भी समर्थन किया, जिसने राष्ट्रपति के व्यापक टैरिफ उपायों का विरोध किया था. उन्होंने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि हम सुप्रीम कोर्ट में जीत हासिल करेंगे.”
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