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यूक्रेन की रिफ्यूजी इरीना जारतुस्का की अमेरिका में हत्या से छिड़ गया विवाद, जानें क्या है मामला


यूक्रेन की एक शरणार्थी (रिफ्यूजी) इरीना जारतुस्का की अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना राज्य के शार्लोट शहर में बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई. यूक्रेनी रेफ्यूजी की हत्या ने अब पूरे अमेरिका में गुस्सा और बहस छेड़ दी है.

इरीना जारतुस्का रूस की ओर से उसके देश यूक्रेन पर लगातार किए जा रहे हमलों से बचकर अमेरिका पहुंची थी. लेकिन जिस जगह को उसने अपने लिए सुरक्षित समझा था, वहीं उसी जगह उसकी दर्दनाक मौत हो गई. इस हत्या ने अमेरिका में अपराध की स्थिति और आपराधिक न्याय प्रणाली की खामियों को भी पूरी तरह से उजागर कर दिया. जिस शख्स ने इरीना जारतुस्की पर चाकू से हमला किया, उसका नाम डिकार्लोस ब्राउन जूनियर था, जो पहले से ही एक जाना-माना अपराधी था.

आखिर इरीना जारतुस्का के साथ क्या हुआ था?

अमेरिका के शॉर्लोट शहर में इरीना जारतुस्का की हत्या दो हफ्ते पहले 22 अगस्त को हुई थी, जब वह अपनी पिज्जेरिया की यूनिफॉर्म पहने लाइट रेल ट्रेन से सफर कर रह थी. तभी 34 वर्षीय अपराधी डिकार्लोस ब्राउन जूनियर ने अचानक इरीना पर पीछे से चाकू से हमला कर दिया. वहीं, पुलिस ने इस हत्या को बिना वजह के और बिना किसी उकसावे के बताया है.

हत्या के आरोपी डिकार्लोस का रहा है लंबा आपराधिक इतिहास

हालांकि, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस की आगे की जांच में खुलासा हुआ कि डिकार्लोस ब्राउन जूनियर का एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. साल 2011 से ही उसे कई बार चोर और डकैती के आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका था. वहीं, सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स ने ट्रेन के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज साझा की है, जिसमें हत्या से पहले से लेकर हत्या के बाद तक की सारी गतिविधि दिखाई दे रही है.

अमेरिका की न्याय प्रणाली पर उठ रहे सवाल

अपराधी डिकार्लोस ब्राउन जूनियर को मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर कोर्ट के आदेश के बाद जेल से रिहा किया गया था. फर्स्ट डिग्री मर्डर के आरोपित डिकार्लोस को इसी साल जनवरी महीने में इमरजेंसी नंबर 911 का दुरुपयोग करने के आरोप में पकड़ा गया था. जुलाई में उसके वकील ने अदालत में यह दलील दी थी कि वह मानसिक रूप से बीमार है और किसी भी मुकदमे के लिए अयोग्य है. इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया. यहां तक उसकी रिहाई बिना किसी निगरानी के की गई. उसकी इस बार की रिहाई ने भी अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए, जिसने एक ऐसे शख्स को सड़कों पर खुला छोड़ दिया, जो खुद के लिए और दूसरों के लिए खतरनाक था.

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