
लगातार थकान और कमजोरी: किडनी खराब होने पर शरीर में खून की सफाई सही ढंग से नहीं हो पाती. इससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो जाते हैं और आपको हर समय थकान व कमजोरी महसूस होती है.

पैरों, टखनों और आंखों के पास सूजन: जब किडनी शरीर से अतिरिक्त नमक और पानी बाहर नहीं निकाल पाती, तो शरीर में फ्लूइड जमा होने लगता है. इसका असर सबसे पहले पैरों, टखनों और आंखों के आसपास सूजन के रूप में दिखाई देता है.

पेशाब में बदलाव: किडनी की खराबी का सबसे अहम संकेत पेशाब से जुड़ा होता है. पेशाब का झागदार होना, खून आना, बहुत बार पेशाब आना या बिल्कुल कम आना. अगर आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए.

भूख कम लगना: किडनी की बीमारी के दौरान शरीर में वेस्ट प्रोडक्ट्स जमा हो जाते हैं, जिससे भूख कम लगने लगती है और उल्टी या मतली की समस्या भी हो सकती है. लंबे समय तक भूख न लगना किडनी के कमजोर होने का संकेत है.

त्वचा पर खुजली और रैशेज: जब किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर नहीं निकाल पाती, तो इसका असर त्वचा पर भी नज़र आता है. स्किन ड्राई होने लगती है, खुजली और रैशेज होने लगते हैं. लगातार ऐसी समस्या बनी रहे तो इसे सामान्य एलर्जी समझने की गलती न करें.

सांस लेने में तकलीफ: किडनी की समस्या से शरीर में अतिरिक्त फ्लूइड जमा हो जाता है, जो फेफड़ों तक पहुंच सकता है. इससे सांस फूलने या घुटन की समस्या हो सकती है। यह भी किडनी खराब होने का एक गंभीर संकेत है.

नींद की समस्या: किडनी के खराब होने पर खून में मौजूद टॉक्सिन्स दिमाग को प्रभावित करते हैं. इससे नींद न आने की समस्या बढ़ सकती है और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है.लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहे तो इसे हल्के में न लें.
Published at : 09 Sep 2025 04:53 PM (IST)
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