Fitch Ratings On India’s GDP: देश की अनुकूल वित्तीय स्थिति और मजबूत घरेलू मांग के दम पर रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. पहले यह ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत लगाया गया था. पहली तिमाही के बाद आए ये बदलाव के आंकड़े काफी महत्वपूर्ण हैं.
अपने सितंबर के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (GEO) में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की मार्च और जून तिमाहियों के बीच आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि हुई है, और वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च की 7.4 प्रतिशत से बढ़कर सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत हो गई है. यह जून के GEO में लगाए गए 6.7 प्रतिशत के पूर्वानुमान से काफी ज़्यादा है.
GDP की तेज रफ्तार
अप्रैल-जून के नतीजों के आधार पर रेटिंग एजेंसी फिच ने मार्च 2026 (वित्त वर्ष 2025-26) में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए अपने अनुमान को जून GEO के 6.5 प्रतिशत से संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है. फिच का कहना है कि घरेलू मांग वृद्धि को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाएगी, क्योंकि मजबूत वास्तविक आय उपभोक्ता खर्च को बढ़ा रही है और कमजोर वित्तीय स्थिति की भरपाई निवेश से होगी.
फिच ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वार्षिक वृद्धि धीमी रह सकती है. इसलिए अगले वित्त वर्ष 2026-27 में वृद्धि दर घटकर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इकोनॉमी अपनी क्षमता से थोड़ा ऊपर चल रही है, इसलिए वित्त वर्ष 2027-28 में वृद्धि दर घटकर 6.2 प्रतिशत रहने की संभावना है.
बढ़ सकता है उपभोक्ता खर्च
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े और पीएमआई सर्वे भी देश की मजबूत अर्थव्यवस्था के संकेत दे रहे हैं. साथ ही, जीएसटी सुधार के चलते वित्त वर्ष 2026 के दौरान भी उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद है.
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