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बालाकोट हमले के बाद से स्ट्रेटजी बदली, पहलगाम के बाद तो… पाक पर एयर स्ट्राइक पर क्या बोले CDS अनिल चौहान? TODAY TOP NEWS

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गोरखपुर में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया कि बालाकोट, उरी, पुलवामा, पहलगाम हमलों के बाद भारत ने सटीक हमलों और हवाई हमलों पर ध्यान केंद्रित किया और सेना को आपातकालीन खरीद की अनुमति मिली.

बालाकोट हमले के बाद से स्ट्रेटजी बदली... पाक पर एयर स्ट्राइक पर क्या बोले CDS?CDS अनिल चौहान ने एयरफोर्स की तकनीक के बारे में बात की. (फाइल फोटो PTI)

CDS Anil Chauhan News: सीडीएस अनिल चौहान ने भारत के एयर स्ट्राइक की मजबूती के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे बालाकोट हमले के बाद हमने अपने एयर स्ट्राइक की तकनीक में बदलाव की. साथ ही उन्होंने एयरफोर्स के स्ट्रेटजी के बारे में भी बताया कि कैसे रडार में आए बिना ही भारतीय सेना आतंकी शिविरों को तबाह कर देती है. उन्होंने बताया कि बालाकोट से पहलगाम हमले तक कैसे एयरफोर्स के सटीक हमले की स्ट्रेटजी में बदलाव हुआ. उन्होंने ये बात अपने गोरखपुर दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में कहीं.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने उरी, बालाकोट और पहलगाम आतंकी हमलों के बाद भारतीय सेना की रणनीतिक कार्रवाइयों के बारे में बात कीं. उन्होंने बताया कि कैसे 2016 के उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने जमीनी रास्ते से पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविरों को नष्ट किया. 2019 के पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हवाई हमले किए गए, जिसने भारत की लंबी दूरी की सटीक हमले की क्षमता को दर्शाया.

जनरल चौहान ने बताया कि बालाकोट के बाद भारत ने सटीक हमलों और पाकिस्तान ने अपनी हवाई रक्षा पर ध्यान केंद्रित किया. हमने 2025 के पहलगाम हमले के बाद निचले हवाई क्षेत्र का उपयोग कर पाक स्थित आतंकी शिविरों पर अचानक हमले किए, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि ड्रोन और गोला-बारूद से उद्देश्य पूरे नहीं होंगे. इसके लिए बहावलपुर और मुरीदके में हवाई हमले आवश्यक थे.

जनरल चौहान ने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें राजनीतिक समर्थन और विवेक के साथ आतंकी शिविरों को नष्ट करने का स्पष्ट संदेश था, लेकिन जवाबी कार्रवाई केवल भारतीय सेना पर हमले की स्थिति में की गई. उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध और जियो-पॉलिटिक्स को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता.

उन्होंने जर्मनी के एक प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री के हवाले से कहा, ‘युद्ध राजनीति का ही विस्तार है.’ लोकतंत्र में सेना राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करती है. जब भी सरकार राष्ट्रीय हितों के लिए बल प्रयोग को जरूरी मानती है, तो सेना के अधिकारियों का दायित्व होता है कि वे अधिक विकल्प प्रदान करें और सरकार का सेना पर भरोसा बढ़ाएं. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने सटीकता, संयम और राजनीतिक समर्थन के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया.

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Deep Raj Deepak

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व…और पढ़ें

दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व… और पढ़ें

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