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दिल्ली दंगेः HC से खारिज हुई जमानत याचिका तो उमर खालिद ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा TODAY TOP NEWS

delhi high court dismisses bail petition of umar khalid in delhi violence case of 2020 now moving to supreme court दिल्ली दंगेः हाई कोर्ट से खारिज हुई जमानत याचिका तो उमर खालिद ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा


दिल्ली दंगों से जुड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम में जेल में बंद उमर खालिद ने बुधवार (10 सितंबर, 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 

दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर, को इस मामले में उमर खालिद और शरजील इमाम सहित नौ लोगों को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि नागरिकों की ओर से प्रदर्शनों की आड़ में षड्यंत्रकारी हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने किस-किस की जमानत की खारिज?

हाई कोर्ट ने जिन लोगों की जमानत खारिज की थी, उनमें उमर खालिद, इमाम, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, अतहर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद शामिल हैं. वहीं, एक अन्य आरोपी तस्लीम अहमद की जमानत याचिका 2 सितंबर, 2025 को हाई कोर्ट की एक अलग पीठ ने खारिज कर दी थी. पिछले हफ्ते, इमाम और गुलफिशा फातिमा ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

नौ आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए अपने आदेश में, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, ‘संविधान नागरिकों को विरोध प्रदर्शन या आंदोलन करने का अधिकार देता है, बशर्ते वे व्यवस्थित, शांतिपूर्ण और बिना हथियारों के हों और ऐसी कार्रवाई कानून के दायरे में होनी चाहिए.’

UAPA के तहत 9 आरोपी पिछले पांच साल में जेल में हैं बंद

खालिद, इमाम और बाकी आरोपियों पर फरवरी, 2020 के दंगों के कथित मास्टरमाइंड होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हो गए थे. साल 2020 में वह हिंसा नागरिकता संसोशन कानून (CAA) और NRC के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़क उठी थी.

निचली अदालत में याचिका खारिज होने के बाद पहुंचे थे हाई कोर्ट

इन सभी आरोपियों ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. ये 2020 से जेल में हैं और निचली अदालत की ओर से उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत की गुहार लगाई थी.

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