नई दिल्ली (School Education). भारत में स्कूल स्तर की पढ़ाई के लिए कई शिक्षा बोर्ड हैं. सभी राज्य अपने-अपने स्टेट बोर्ड चलाते हैं, वहीं पूरे देश के स्तर पर CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) और ICSE (भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र) जैसी व्यवस्थाएं भी मौजूद हैं. जब बात अंग्रेजी भाषा की आती है तो अक्सर यह चर्चा छिड़ जाती है कि आखिर किस बोर्ड के छात्रों की अंग्रेजी सबसे अच्छी होती है. यह सवाल इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि अंग्रेजी सिर्फ एक विषय नहीं है, बल्कि करियर और उच्च शिक्षा के अवसरों का दरवाजा भी खोलती है.
हर बोर्ड का सिलेबस, टीचिंग मेथड और परीक्षा पैटर्न अलग है. ICSE बोर्ड में अंग्रेजी पर बहुत ध्यान दिया जाता है. CBSE को बैलेंस्ड और कॉम्पिटिटिव परीक्षा की तैयारी पर फोकस्ड बोर्ड माना जाता है, जहां भाषा का महत्व तो है लेकिन विज्ञान-गणित जैसे विषयों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है. वहीं, राज्य बोर्ड अपनी मातृभाषा पर ज्यादा जोर देते हैं, जिससे अंग्रेजी का स्तर कई जगहों पर कमजोर रह जाता है. इससे आप समझ सकते हैं कि किस बोर्ड से पढ़ने वाले बच्चों की अंग्रेजी बेहतर मानी जाती है और क्यों.
CBSE vs ICSE vs State Board: किस बोर्ड में अंग्रेजी पर सबसे ज्यादा फोकस है?
आईसीएसई बोर्ड: माना जाता है कि आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स की अंग्रेजी भाषा की नींव सबसे मजबूत होती है. इसकी वजह है कि ICSE सिलेबस में साहित्य, निबंध लेखन, व्याकरण और भाषा प्रयोग पर गहरा फोकस होता है. यहां न सिर्फ टेक्स्टबुक्स, बल्कि क्लासिक अंग्रेजी लिटरेचर को भी शामिल किया जाता है.
सीबीएसई बोर्ड: केंद्रीय शिक्षा माध्यमिक बोर्ड में अंग्रेजी भाषा को एक विषय के रूप में पढ़ाया तो जाता है, लेकिन इसका पैटर्न आईसीएसई की तुलना में सरल और परीक्षा केंद्रित है. CBSE का मुख्य लक्ष्य स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना होता है.
स्टेट बोर्ड: यूपी, एमपी, बिहार, राजस्थान समेत ज्यादातर राज्य बोर्ड में अंग्रेजी भाषा को उतनी प्राथमिकता नहीं मिलती है. कई राज्यों में अंग्रेजी का पाठ्यक्रम स्थानीय भाषा पर आधारित होता है, जिससे अंग्रेजी की पकड़ उतनी मजबूत नहीं बन पाती है.
आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स की अंग्रेजी अच्छी क्यों होती है?
- कठिन और विस्तृत सिलेबस – आईसीएसई बोर्ड में अंग्रेजी का पाठ्यक्रम काफी गहरा होता है.
- लिटरेचर पर फोकस – शेक्सपीयर से लेकर मॉडर्न लेखकों तक का साहित्य पढ़ाया जाता है.
- राइटिंग स्किल्स का विकास – निबंध, Precise राइटिंग, ग्रामर और स्पोकन इंग्लिश पर जोर दिया जाता है.
- परीक्षा पैटर्न – यहां सिर्फ रटने पर नहीं, बल्कि भाषा के प्रयोग और क्रिएटिव थिंकिंग से जुड़े सवाल भी पूछे जाते हैं.
CBSE स्टूडेंट्स की अंग्रेजी का स्तर
सीबीएसई स्टूडेंट्स की अंग्रेजी भाषा पर पकड़ भी ठीक-ठाक होती है, खासकर उन स्कूलों में जहां पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी है. हालांकि इसकी गहराई आईसीएसई बोर्ड जैसी नहीं होती है. सीबीएसई में अंग्रेजी संपर्क भाषा के रूप में है, लेकिन स्टूडेंट्स का मुख्य फोकस गणित और विज्ञान जैसे विषयों पर रहता है, जो आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं में मददगार होते हैं.
स्टेट बोर्ड का अंग्रेजी कनेक्शन
स्टेट बोर्ड में पढ़ाई का स्तर राज्य दर राज्य बदलता है. केरल और महाराष्ट्र समेत ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों में अंग्रेजी की पढ़ाई का स्तर बेहतर है. लेकिन यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अंग्रेजी भाषा पर पकड़ कमजोर है. दरअसल यहां स्थानीय भाषा माध्यम ज्यादा प्रचलित है. इसलिए अंग्रेजी की पकड़ अक्सर CBSE या ICSE छात्रों जितनी मजबूत नहीं बन पाती.
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