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भारत में डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद शरीर को फिर से फंक्शनल करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की जरूरत पड़ती है, लेकिन क्या ये अपने नाम के आगे डॉक्टर लगा सकते हैं? और क्या ये प्राइमरी केयर प्रेक्टिस कर स…और पढ़ें

हाल ही में भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के डायरेक्टेरट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने फिजियोथेरेपिस्ट को लेकर जारी एक आदेश में बताया गया कि कई संस्थानों से उनके पास शिकायतें मिली हैं, जिनमें इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन भी शामिल है, इस दौरान आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि फिजियोथेरेपिस्ट को अपने नाम के आगे डॉ. नहीं लगाना चाहिए. यह पूरा विवाद एनसीएएसपी द्वारा प्रकाशित क्षमता आधारित करिकुलर फॉर फिजियोथरेपी 2025 के अप्रूव्ड सिलेबस से उठ खड़ा हुआ है. जहां फिजियोथेरेपिस्ट को शुरआत में डॉ. और बाद में पीटी लगाने की सिफारिश की गई है.
आईएपीएमआर की ओर से कहा गया कि फिजियोथरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर्स की तरह ट्रेंड नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें डॉ. नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे मरीजों को भ्रम होता है. इतना ही नहीं इन्हें प्राइमरी केयर प्रेक्टिस की अनुमति भी नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि ये मेडिकल कंडीशंस को डायग्नोस करने के लिए ट्रेंड नहीं होते हैं.लिहाजा इन्हें सिर्फ डॉक्टरों से रेफर्ड केसेज को ही देखने की अनुमति होनी चाहिए.
डायरेक्टरेट ने कहा कि इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया जाता है कि अप्रूव्ड सिलेबस में जल्द ही बदलाव कर फिजियोथरेपिस्ट के लिए डॉ. शब्द की सिफारिश को हटाया जाए और एक पर्याप्त आदर सूचक शब्द ढूंढा जाए जिससे न तो डॉक्टरों को ही दिक्कत हो और न ही मरीजों को कोई भ्रम हो.

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें
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