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नेपाल सोशल मीडिया बैन के खिलाफ प्रदर्शन से शुरू हुआ विरोध अब हिंसा में तबदील हो चुका है। लंबी हिंसा के बाद सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाने का फैसला वापस तो ले लिया है, लेकिन इससे पहले करीब 19 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसी बीच नेपाल से ताल्लुक रखने वालीं मनीषा कोइराला ने हिंसा के इस दिन को नेपाल के लिए ब्लैक डे कहा है।
मनीषा कोइराला ने सोमवार रात अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से खून से सने एक जूते की तस्वीर शेयर करते हुए नेपाली में लिखा है, आज नेपाल के लिए एक ब्लैक डे है, जब जनता की आवाज, करप्शन के खिलाफ नाराजगी और न्याय की मांग का जवाब गोलियों से मिल रहा है।


बताते चलें कि पॉपुलर एक्ट्रेस मनीषा कोइराला नेपाल से ताल्लुक रखती हैं। 16 अगस्त 1970 को मनीषा का जन्म नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुआ था। वो एक राजनीतिक परिवार से हैं। उनके दादाजी विशेश्वर प्रसाद नेपाल के प्रधानमंत्री और पिता कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं।
संयोग की बात ये है कि जिस 8 सितंबर को मनीषा नेपाल का ब्लेक डे कह रही हैं, उसी दिन 8 सितंबर 1914 को उनके दादाजी का जन्म हुआ था।
मनीषा कोइराला ने करियर की शुरुआत भी नेपाल से ही की थी, जिसके बाद सुभाष घई की फिल्म सौदागर से उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया था।
नेपाल में हिंसा और 19 मौतों का कारण क्या है?
दरअसल, नेपाल सरकार ने हाल ही में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने की घोषणा की। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर जेनरेशन जेड (Gen-Z) थे, क्योंकि ज्यादातर सोशल मीडिया यूजर इसी एज ग्रुप के थे।

प्रदर्शन में शामिल छात्र-छात्राएं स्कूल और कॉलेज की ड्रेस पहनकर सड़कों पर उतरे। कई जगहों पर उन्होंने खुद बैनर और पोस्टर बनाए, नारे लगाए और बिना किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ाव के विरोध जताया।
विरोध बढ़ने के बाद पहले आंसू गैस छोड़ी गई, जिसके बाद इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। 19 लोगों की मौत हो गई और करीब 300 से ज्यादा लोग घायल हैं।
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