Oracle Layoffs: ओरेकल ने हाल ही में दुनियाभर में करीब 3000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था. इसकी बड़ी वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर निर्भरता बढ़ाने के साथ कंपनी की क्षमता को मजबूत करने और संगठन का पुनर्गठन बताया जा रहा है. कंपनी के भारत में करीब 30,000 कर्मचारी हैं. वित्त वर्ष 2024 में इसके राजस्व में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और यह 20,459 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
लेकिन अब Oracle ने भारत में भी अपने स्टाफ की छंटनी शुरू कर दी है. ग्लोबल रिस्ट्रक्चरिंग के तहत पिछले हफ्ते 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने के लिए कहा गया है. इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि क्लाउड समेत अन्य टीमों से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है. यह संख्या सैकड़ों तक पहुंच सकती है.
क्यों हो रही है छंटनी?
निकाले गए कर्मचारियों को भेजे गए लेटर में कंपनी ने लिखा है कि यह कदम संगठनात्मक बदलाव का हिस्सा है. लेटर में आगे कहा गया कि ऑपरेशंस को स्ट्रीमलाइन करने और बदलावों के अनुरूप खुद को ढालने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इसलिए आप जिस पोजिशन पर हैं, वह अब कंपनी के लिए आवश्यक नहीं रह गया है.
सेवरेंस और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
कंपनी ने प्रभावित कर्मचारियों को सेवरेंस बेनिफिट के तहत हर पूरे किए गए सेवा वर्ष पर 15 दिन का वेतन देने का वादा किया है. इसके अलावा, एक साल तक का मेडिकल इंश्योरेंस कवर भी दिया जाएगा. ओरेकल में 15 से 20 साल तक काम कर चुके वरिष्ठ कर्मचारी भी इस छंटनी की चपेट में आए हैं. कुछ कर्मचारियों ने गार्डन लीव के साथ अपेक्षाकृत सौहार्दपूर्ण विदाई का जिक्र किया, वहीं कई लोगों ने इस प्रक्रिया को अचानक और झटकेदार बताया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उनका कहना है कि यह फैसला टेक्नोलॉजिकल शिफ्ट्स की वजह से लिया गया है. खासकर एआई के बढ़ते इस्तेमाल के चलते कंपनी लागत घटाने की दिशा में यह कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि इस छंटनी में परफॉर्मेंस कोई मुद्दा नहीं रहा.
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