गंगा-यमुना का बढ़ता जलस्तर और राहत कार्यसंगम नगरी प्रयागराज में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे शहर में चिंता बढ़ गई है. गंगा का जलस्तर 2.3 सेंटीमीटर प्रति घंटे और यमुना का 3.58 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. बीते 24 घंटों में गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 56 सेंटीमीटर, छतनाग में 81 सेंटीमीटर और यमुना का नैनी में 86 सेंटीमीटर बढ़ा.
शनिवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 82.08 मीटर, छतनाग में 81.51 मीटर और यमुना का नैनी में 82.03 मीटर दर्ज किया गया. बढ़ते जलस्तर के कारण इस साल पांचवीं बार बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में पानी प्रवेश कर गया. शुक्रवार देर शाम गंगा और यमुना ने मंदिर का ‘अभिषेक’ किया, जिसके बाद पूजा-अर्चना कर मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.
मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं श्रद्धालु
बाढ़ ने संगम तट पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कई श्रद्धालु मंदिर के बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं. दक्षिण भारत और अन्य प्रदेशों से आए श्रद्धालु दर्शन न कर पाने से निराश हैं, लेकिन उनकी आस्था बाढ़ के सामने भी अडिग है. बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने सक्रियता दिखाई है.
88 बाढ़ चौकियों को किया गया सतर्क
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है. सभी 88 बाढ़ चौकियों को सतर्क किया गया है और सिंचाई विभाग का कंट्रोल रूम 24 घंटे जलस्तर की निगरानी कर रहा है. प्रशासन ने निचले इलाकों के निवासियों से सुरक्षित स्थानों या बाढ़ राहत शिविरों में जाने की अपील की है. राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए टीमें तैनात की गई हैं, जो प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, दवाइयाँ उपलब्ध करा रही हैं.
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