42 मिनट पहले
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5 सितंबर को रिलीज हुई विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म द बंगाल फाइल्स को सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूरी मिलने के बावजूद पश्चिम बंगाल में रिलीज नहीं होने दिया जा रहा है। इस पर अब IMPPA (इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन) के प्रेसिडेंट अभय सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखकर इस मामले में दखल देने की अपील की है।
विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से इसकी जानकारी देते हुए लिखा है कि इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (IMMPA) ने द बंगाल फाइल्स का जोरदार समर्थन करते हुए पीएमओ और नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है,ताकि पश्चिम बंगाल सरकार (ममता बनर्जी) द्वारा फिल्म पर लगाए गए अवैध और असंवैधानिक बैन के खिलाफ हस्तक्षेप किया जा सके।

IMPPA द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए लेटर में लिखा गया है-

हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप हमारे सदस्य IAMBUDDHA एंटरटेनमेंट एंड मीडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित फिल्म “द बंगाल फाइल्स” की रिलीज में आ रही बाधाओं के संबंध में तत्काल हस्तक्षेप करें। इस फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन हेतु विधिवत प्रमाणित किया गया है और इसलिए इसे देशभर में प्रदर्शित करने का पूरा कानूनी अधिकार है। फिर भी, यह फिल्म पश्चिम बंगाल राज्य में रिलीज नहीं हो पा रही है। आधिकारिक रूप से प्रतिबंधित न होने के बावजूद, फिल्म पर अप्रत्यक्ष प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके कारण जनता को इसे देखने का उचित अवसर नहीं मिल पा रहा है।
आगे लिखा गया है, प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर्स को धमकी और बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि राज्य सरकार फिल्म की स्वतंत्र और निष्पक्ष रिलीज के लिए आवश्यक सुरक्षा, कानून और उचित वातावरण सुनिश्चित करने में विफल रही है। हम आपका ध्यान इस ओर दिलाना चाहते हैं कि इस फिल्म के निर्माण में भारी निवेश किया गया है और इसकी लागत की वसूली केवल इसके सार्वजनिक प्रदर्शन के माध्यम से ही संभव है। यदि इसकी रिलीज पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इससे निर्माताओं, वितरकों और पूरी फिल्म इंडस्ट्री को भारी आर्थिक नुकसान होगा।

आखिर में लिखा गया है, हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें, ताकि कानून का शासन बना रहे और फिल्म बिना किसी बाधा के रिलीज हो सके। हम विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि राज्य सरकार प्रमाणित कलाकृतियों की रक्षा करने और उनके सुरक्षित प्रदर्शन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। हमें विश्वास है कि आप फिल्म निर्माताओं के अधिकारों की रक्षा करने और प्रमाणन प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखने हेतु आवश्यक कदम तुरंत उठाएंगे।
फिल्म फेडरेशन ने भी इस बैन पर जताई थी नाराजगी
IMPPA से पहले FWICE (फिल्म फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न सिने एंप्लॉयज) ने भी द बंगाल फाइल्स को पश्चिम बंगाल में रिलीज न किए जाने पर नाराजगी जताई थी। उनका कहना है कि फिल्म पर अनौपचारिक रूप से लगाया गया बैन गलत है।

FWICE ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि एक फिल्म, जिसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से मंजूरी मिली है, उसे इस तरह के अनौपचारिक प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा है।ऐसे काम चाहे सीधे तौर पर किए जाएं या छुपकर हमारे संविधान में दी गई बोलने और अपनी बात कहने की आजादी को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे उन फिल्म बनाने वालों की मेहनत और आजादी पर भी असर पड़ता है, जो अपने काम से समाज के लिए जरूरी कहानियां दिखाते हैं। अगर किसी फिल्म को बिना किसी सरकारी आदेश या कानूनी वजह के रोका जाता है, तो यह सिर्फ गलत नहीं है, बल्कि इससे आगे चलकर फिल्मों को लेकर एक खतरनाक मिसाल बन सकती है।
5 सितंबर को रिलीज हुई फिल्म द बंगाल फाइल्स
विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म द बंगाल फाइल्स 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार ने अहम किरदार निभाया है। तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा प्रॉडक्शंस द्वारा पेश की गई यह फिल्म विवेक की फाइल्स ट्रिओलोजी का हिस्सा है, जिसमें द कश्मीर फाइल्स और द ताशकंद फाइल्स भी शामिल हैं।

बताते चलें कि ये फिल्म डायरेक्ट एक्शन डे पर आधारित है, जिसे ग्रेट कलकत्ता किलिंग भी कहते हैं। विभाजन के चलते हुए दंगों में 10 हजार लोग मारे गए थे।
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