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Blood Moon in India Timing: 7-8 सितंबर की रात भारत सहित एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया में ब्लड मून यानी पूर्ण चंद्रग्रहण दिखेगा. इस दौरान पृथ्वी से चांद खून की तरह लाल और नारंगी रंग का नजर आएगा. इतना ही नहीं चांद …और पढ़ें

क्यों होता है ब्लड मून?
जब चांद पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है तो ऐसे में सूर्य की सीधी रोशनी उस तक नहीं पहुंचती. पृथ्वी का वातावरण सूर्य की रोशनी को फिल्टर कर लाल रंग की किरणें चांद तक पहुंचाता है. यही वजह है कि ग्रहण के समय चांद लालिमा लिए हुए दिखता है. इस बार चांद अपने पेरिजी के करीब होगा यानी पृथ्वी के सबसे पास. इसलिए यह सामान्य दिनों से थोड़ा बड़ा और ज्यादा चमकीला भी नजर आएगा.
खगोलविदों के अनुसार भारत में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर रात 11:00 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर रात 12:22 बजे तक दिखेगा. यानी लगभग 82 मिनट तक चांद पूरी तरह से पृथ्वी की छाया (Umbra) में ढका रहेगा और इस दौरान वह लाल-नारंगी रंग का दिखाई देगा.
दुनिया में ब्लड मून की अलग-अलग टाइमिंग
लंदन: शाम 7:30–7:52 बजे
पेरिस/केप टाउन: 7:30–8:52 बजे
इस्तांबुल/काहिरा/नैरोबी: 8:30–9:52 बजे
तेहरान: 9:00–10:22 बजे
बैंकॉक: 12:30–1:52 बजे
बीजिंग/हांगकांग/पर्थ: 1:30–2:52 बजे
टोक्यो: 2:30–3:52 बजे
सिडनी: 3:30–4:52 बजे
कैसे देखें यह नजारा?
लूनर इक्लिप्स यानी पूर्ण चंद्रग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष चश्मे या फिल्टर की जरूरत नहीं होती. यह नंगी आंखों से पूरी तरह सुरक्षित है. हालांकि दूरबीन या टेलीस्कोप की मदद से आप ग्रहण के दौरान चांद की सतह और भी साफ देख सकते हैं. भारत और एशिया के देशों में यह ग्रहण सबसे शानदार दृश्य देगा क्योंकि यहां उस समय चांद आसमान में ऊंचाई पर होगा. वहीं, यूरोप और अफ्रीका के लोग इसे हॉराइजन व्यू यानी क्षितिज पर चढ़ते हुए लाल चांद के रूप में देख पाएंगे.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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