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लाठीचार्ज के विवाद के बीच SRMU को बड़ी राहत, BCI ने जारी की चिट्ठी, 2026 तक वैध TODAY TOP NEWS

UP Barabanki Bar council of india issued a letter related to recognition to the university ann Barabanki News: लाठीचार्ज के विवाद के बीच SRMU को बड़ी राहत, BCI ने जारी की चिट्ठी, 2026 तक वैध


राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) से जुड़े विवाद के बीच विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने विश्वविद्यालय को मान्यता से संबंधित चिट्ठी जारी कर दी है, जिसमें 2026 तक अप्रूवल बढ़ाने की पुष्टि की गई है.

बीसीआई की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी, बाराबंकी के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज को तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स और पांच वर्षीय बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) इंटीग्रेटेड डिग्री कोर्स के लिए मंजूरी दी गई है. इसके अलावा पांच वर्षीय बीए एलएलबी (ऑनर्स) इंटीग्रेटेड कोर्स को भी अनुमति दी गई है. 

पत्र में क्या कहा गया है?

पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि एक-एक सेक्शन में 60-60 छात्रों के प्रवेश की इजाजत दी गई है, वहीं बीए एलएलबी (ऑनर्स) के दो सेक्शनों में 60-60 छात्रों को एडमिशन दिया जा सकेगा. यह मंजूरी आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 तक के लिए वैध रहेगी.

इससे पहले छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर उनके भविष्य को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे. छात्रों का आरोप था कि समय पर मान्यता का नवीनीकरण न होने से उनकी डिग्रियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. 

छात्रों ने काटा था हंगामा

इसी को लेकर हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों ने हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इस कार्रवाई ने विवाद को और भी तूल दे दिया था. अब बीसीआई की इस चिट्ठी के बाद छात्रों की चिंता काफी हद तक दूर हो गई है.

 पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विश्वविद्यालय को लीगल एजुकेशन के नियमों और बीसीआई की सभी गाइडलाइन्स का पालन करना होगा. इसके साथ ही छह महीने के भीतर विश्वविद्यालय को नोटरीकृत कम्प्लायंस एफिडेविट भी जमा करना होगा.

कॉलेज प्रशासन साझा की राहत की खबर

विश्वविद्यालय प्रशासन ने राहत की इस खबर को साझा करते हुए कहा कि छात्रों का भविष्य सुरक्षित है और किसी को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. वहीं छात्रों का कहना है कि अगर यह आदेश पहले जारी हो जाता तो उन्हें विरोध और लाठीचार्ज जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता. इस तरह विवादों के बीच आई यह चिट्ठी विश्वविद्यालय और छात्रों दोनों के लिए राहत लेकर आई है.



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